स्कूली बच्चो के लिए छठ पूजा पर निबंध ( Essay On Chhath Puja In Hindi ) 2023

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Essay On Chhath Puja In Hindi

Essay On Chhath Puja In Hindi – हमें उम्मीद हैं की छठ पूजा पर हिन्दी में निबंध उन छात्रों और शिक्षक के लिए फायेदेमंद होगा जो छठ पर निबंध लिखना चाहते हैं, हमने इस आर्टिकल में भारत की लोकप्रिय पर्व में से एक छठ पूजा (Chhath Puja) के बारे में सभी जानकारी दी हैं ,

बच्चे या युवा इस निबंध को पढ़कर छठ पूजा के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेंगे साथ ही छठ पूजा पर एक बेहतरीन लेख निबंध कैसे लिखा जाता हैं यह जान सकेंगे| इसमें हमने आपको छठ पूजा पर निबंध 50 लाइन और इससे भी अधिक बताया है. जिसे आप अपने स्कूल में निबंध लिखने के लिए कर सकते हैं.

छठ पूजा पर निबंध  (Essay On Chhath Puja In Hindi)

छठ पूजा हिन्दू धर्म का एक लोकप्रिय त्यौहार है इस पर्व को हर साल बहुत उत्साह और खुशी केेेे साथ मनाया जाता हैं कई सारे बच्चे जो इस स्कूल में पढ़ते हैं उन बच्चों को छठ पूजा पर निबंध लिख कर अपना अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है बच्चे आमतौर पर इस पर्व में काफी खुश होते हैं इस पर्व में घर के सभी सदस्य गाँव आ जाते हैं और यह पर्व के दौरान हर घर में ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ होती हैं| छठ पूजा के दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती हैं| 

छठ पूजा का इतिहास

छठ पूजा को एक पौराणिक कथा हैं कथा के अनुसार बहुत समय पहले राजा प्रियवद हुआ करते थे अपने समय के वो बहुत शक्तिशाली राजा थे लेकिन उनको कोई संतान नहीं हो रहा था राजा इस विषय पर बहुत सारे हाकिम (पुराने जमाने के डॉक्टर) से दिखाये लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ| 

फिर उन्ही के राज्य के एक साधू ने उनको छठ पूजा करने की सलाह दी और राजा ने उस साधू की बात मान कर  राजा और उनकी पत्नी ने छठ पूजा करने का मन बना लिया और बड़े ही धूमधाम से छठ पूजा की और उपवास रखा| फिर जैसा उस साधू ने कहा था कुछ ही महीनों में महारानी के गर्भ में एक बच्चा ठहर गया| और कुछ महीनों के बाद उनके घर में एक सुन्दर बालक आ गया|  तब से खासकर जिन स्त्रियों के बाल बच्चे नहीं होते छठी मैया से यह मन्नत मांगती हैं के अगर मेरे की संतान हो जायेगा तो में बड़े ही धूमधाम से छठ पूजा का पूर्व करुँगी .

लेकिन ऐसा नहीं हैं की सिर्फ संतान प्राप्ति के लिए ही इस पर्व को मनाया जाता हैं दरअसल बहुत सारे लोग छठी मैया से कोई ना कोई मन्नत मांगते हैं और जब उनका माँगा हुआ मन्नत पूरा हो जाता हैं तो वे छठ पूजा करने लगते हैं . 

छठ पूजा की तैयारी 

छठ पूजा की तैयारी छठ पूजा के आरंभ होने से कई दिन पहले ही होने लगती हैं| छठ पूजा आने से पहले छठ घाट(जहाँ छठ पूजा होता हैं) को सभी लोग मिलकर अच्छी तरह से साफ़ करते हैं| कुछ लोग छठ घाट जाने वाली सड़कें भी साफ करते हैं| 

सभी लोग अपने घरों को भी अच्छी तरह से साफ़ सफाई करते हैं फिर जिस दिन छठ पूजा होता हैं उस दिन लोग छठी मैया के प्रसाद के रूप में सेव, संतरा,पानी फल, आना नस केला इत्यादि खरीदते हैं इन्ही फलो से छठी मैया को पूजा जाता हैं| 

छठ पूजा की उत्पत्ति 

रामायण के अनुसार जब भगवान श्री राम ने रावन को मार कर सीता और लक्ष्मण सहित जब अयोध्या लौटे थे  तो उन्होंने भगवान सूर्य की आराधना की और उनका व्रत रखा उसी समय छठ पूजा की उत्पति हुई 

छठ पूजा के दिन बच्चे 

छठ पूजा के दिन वैसे तो सभी लोग खुश रहते हैं लेकिन सबसे ज्यादा खुश बच्चे होते हैं क्योंकि इनको पटाखा और बम को जलाना होता हैं| वो छठी मैया के घाट पर पहुँचते ही पटाखे से शोर मचा देते हैं| 

छठ पूजा पर निबंध 50 लाइन

  1. छठ पूजा हिन्दुओ का एक प्रमुख त्यौहार हैं,
  2. छठ पूजा को साल में मुख्य रूप से  2 बार मनाया जाता हैं.
  3. पहले छठ पूजा को चैत्र का छठ पूजा कहते हैं, यह मार्च अप्रैल महीने में मनाया जाता हैं.
  4. दुसरे छठ पूजा को कार्तिक छठ पूजा के नाम से जानते हैं,
  5. लेकिन सबसे धूमधाम से कार्तिक छठ पूजा को मनाया जाता हैं.
  6. छठ पूजा के अवसर पर सभी कर्मचारी, मजदुर को छुट्टी दे दिया जाता हैं|
  7. छठ पूजा के अवसर पर सभी परदेसी अपने घर आ जाते हैं|
  8. उन्हें छठ पूजा के मौके पर अपने परिवार के साथ छठ पूजा करने का मौका मिलता हैं,
  9. वे छठ घाट पर पूजा की बहंगी(टोकरी) अपने सर पर लेकर छठी मैया के घाट पर जाते हैं.
  10. छठ पूजा के दिन बच्चे बहुत खुश रहते हैं.
  11. इस दिन परिवार वाले अपने बच्चों के नए कपड़े खरीदते हैं.
  12. छठ पूजा के अवसर पर बच्चे बहुत खुश रहते हैं.
  13. वो छठी मैया के घाट जाने वाले सड़क को बिलकुल साफ़ कर देते हैं.
  14. फिर शाम को नहा-धोकर छठी मैया के घाट पर जाते हैं.
  15. घाट पर जाकर बच्चे खूब पटाखा जलाते हैं,
  16. कुछ शरारती बच्चे पटाखे जलाकर किसी के शरीर पर फेक देते हैं,
  17. लेकिन हमें ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए,
  18. क्योंकि छठ पूजा खुशियों का त्यौहार हैं,
  19. इसमें किसी को चोट पहुंचा कर लोगो खुशियों को कम नहीं करना चाहिए,
  20. छठ पूजा 4 दिन का होता है,
  21. छठ पूजा का नहाय धोवाय होता है
  22. इस दिन घर के सभी लोग अच्छे तरीके से नहाते हैं,
  23. इस दिन घर की भी सफाई को जाती हैं,
  24. छठ पूजा का दूसरा दिन खरना होता है.
  25. इस दिन महिलाएं शाम को छठी मैया को खीर पूड़ी का भोग लगाती हैं,
  26. और खुद प्रसाद के रूप में खीर पुडी खाती हैं,
  27. बच्चे और परिवार के लोग भी इस प्रसाद का भोग लगाते और खाते हैं,
  28. छठ पूजा का तीसरा दिन डूबते सूरज का पूजा किया जाता है,
  29. इस दिन सुबह से ठेकुआ, पूरी जैसे पकवान बनते है,
  30. इस दिन लोग बाज़ार से फल फूल भी खरीद कर लाते हैं,
  31. इस दिन जिसके पास पूजा कि ज्यादा सामग्री होती है, वो अन्य लोगो में बांटते हैं,
  32. इस दिन बाज़ार में बहुत चहल पहल रहती हैं,
  33. इस दिन सभी पकवान बनने के बाद उसे ड‌ऊरा (टोकरी) में सजाते हैं,
  34. फिर पुरुष उस टोकरी को अपने सर पर रखकर छठ के घाट पर जाते हैं,
  35. उनके पीछे महिलाएं छठी मैया का गाना गाते जाती हैं,
  36. गाना की बोल कुछ ऐसा रहता हैं.
  37. कांच ही बास के बहांगियान बहगी लचकत जाएं,
  38. पेन्ही ना सैयां जी पियारिया चली पटना के घाट,
  39. केरवा से भरेला घवद से ओहपर सुगा मेदराव
  40. सूगवा के मरबू धनुष से 
  41. सूगा गीरे मुरछाए, दूजे खबर जनैबु आदित्य से
  42. आदित्य होई ना सहाय
  43. ये कुछ गाने हैं, जो महिलाएं छठ घाट जाते हुए गाती हैं,
  44. फिर शाम को डूबते हुए सूरज का पूजा करते हैं.
  45. फिर संध्या को घर लौट आते हैं. फिर रात को लोग अपने घर के आंगन में कोशी भरते हैं
  46. कोशी भरते समय महिलाएं छठी मैया का गाना गुनगुनाते हैं,
  47. छठ पूजा के आखिरी दिन में लोग उगते सूरज का पूजा करते हैं|
  48. इस दिन पंडित जी सभी व्रत करने वाले लोगों का पूजा करवाते हैं|
  49. फिर वापस घर लौट आते हैं, और पकवान और प्रसादी खूब जमकर खाते हैं, जिनके घर छठ पूजा नहीं होता उनके घर भी प्रसाद बांटा जाता है,
  50. और इस प्रकार छठ पूजा संपन्न होता है, 

छठ पूजा पर निबंध 10 लाइन

  1. छठ पूजा भारत का लोकप्रिय और बिहार उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा पर्व हैं | 
  2. छठ पूजा के 4 दिन का का होता हैं और लगभग सभी लोग 36 घंटे उपवास रखते हैं |
  3. पर्व आरंभ होते ही सभी घरों की सफाई होती हैं और सभी परिवार के सदस्यों के नए कपड़े खरीदे जाते हैं | 
  4. इस दिन बच्चे बहुत खुश रहते हैं और छठ घाट पर जाते ही पटाखे जलाने लगते हैं |
  5. इस पर्व को करने से स्त्रियों को अच्छे संतान की प्राप्ति होती हैं|
  6. इस दिन सभी सरकारी कार्यालय बन रहता हैं |
  7. कुछ युवा छठी मैया से सरकारी नौकरी लग जाने की मन्नत मांगते हैं |
  8. छठी मैया को फलो के साथ गेहूं के आटा से बना ठेकुआ से भी पूजते हैं |
  9. छठ पूजा के दिन सभी लोग शाम होते ही फलो की टोकरी लेकर छठ घाट जाते हैं 
  10. महिलाएं छठी मैया का गाना गाते हुए छठी मैया के घाट जाते हैं | 

छठ पूजा का क्या महत्व है?

हमारे समाज में छठ पूजा का एक विशेष महत्व है, बिहार राज्य में कुछ लोग पर्व को आलोचना करते हुए कहते हैं, की हिन्दू धर्म में छठ ही एक ऐसा पर्व है, जिसमें पूजा करते समय भगवान आपके सामने रहते हैं, कहने का मतलब यह है, की छठ पूजा में भगवान सूर्य का पूजा किया जाता हैं, और पूजा करते समय सूर्य बिल्कुल हमारे सामने रहते हैं, इसलिए हिन्दू धर्म में छठ पूजा को जिंदा भगवान का पूजा भी कहां जाता है,

सरकारी नौकरी में छठ पूजा का महत्व?

बात छठ पूजा  के महत्व के बारे में हो रही हैं, तो हम उन युवाओं का बात ज़रूर करेंगे जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहें हैं, क्योंकि हमारे पूर्वज कहते हैं, की कोई युवा अगर सच्चे मन से छठ पूजा में सहयोग करें, तो उसकी मनोकामना ज़रूर पूरी होती है, इसलिए कुछ युवा छठी माता के घाट जाने वाले सड़क को बिल्कुल साफ कर देते हैं, 

वहीं कुछ युवा छठी मैया का घाट साफ करते हैं, जो लोग पहले छठी मैया से कोई मनोकमना मांगे रहते हैं, और वो मनोकामना पूरा हो जाता है, तो अगले साल छठी मैया के घाट पर लौंडा का नाच नचवाते हैं,

बाझिन में छठ पूजा का महत्व

पुराने समय से ही यह परंपरा चली आ रही हैं, जो स्त्री बाझिन होती हैं, और उन्हें संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती, वो छठी मैया से प्रार्थना करती हैं, की है छठी मैया अगर मेरे गोद में तुम संतान दे दोगी तो मैं आपकी व्रत पूरे श्रद्धा और मन से करूंगी ,

यह कोई मज़ाक नहीं हैं, जो बाझिन स्त्री अगर सच्चे मन से छठ माता का आराधाना करें, तो छठी मैया प्रसन हो कर उसके गोद में संतान सुख का वरदान दे देती हैं, और इस प्रकार छठी मैया को दयालु स्वभाव के कारण बाझिन स्त्री को भी संतान हो जाता है,

प्रेमियों के छठ पूजा का महत्व

आजकल जो जमाना है, वो  प्यार करने वाले लोगो का हैं, कहने का यह मतलब है कि आज कल लगभग हर लड़का किसी ना किसी लड़की से प्यार करता है, वहीं इसके विपरीत आज के समय में हर लड़की किसी ना किसी ना किसी लड़के से प्यार करती हैं,

लेकिन आज के जमाने में को लोग भी सच्चा प्यार करते हैं, उनका प्यार तब सफल होता है, जब लड़का अमीर हो अगर लड़का अमीर नहीं है, तो लड़की वाले कभी भी अपनी लड़की की शादी लड़के से नहीं  करेंगे,

ऐसे में कई बार लड़का लड़की घर से भाग कर शादी कर लेते हैं, लेकिन यह उचित विकल्प नहीं हैं, अगर वो लड़के लड़की फिर से अपने घर वालो के हाथ लग जाते हैं, तो उनके घरवाले उन्हें मार डालते हैं,

ऐसे में को प्रेमी और प्रेमिका हैं, अपने मनपसंद वर पाने के लिए छठी मैया से पार्थना से करती हैं, और अगर उनके मनपसंद साथी से उनका जीवन साथी बन जाते हैं, तो वो भी छठ पूजा का व्रत करने लगते हैं, मैंने देखा हैं की बहुत सारे लड़के छठी मैया से यह प्रार्थना करते हैं, की जिस लड़की से प्यार करते हैं, उनसे ही उनकी शादी हो. और छठी मैया का प्रार्थना देरी सही लेकिन स्वीकार ज़रुर करती हैं.

बच्चों के लिए छठ पूजा का महत्व 

बच्चों के लिए छठ पूजा उत्साह का त्यौहार हैं, क्योंकि बच्चों को छठ पूजा के दिन पटाखे जलाने का मौका मिलता है, छठ पूजा आने से कुछ दिन पहले ही बच्चे बहुत खुश होते हैं, परिवार के लोग छठ के मौके पर नए कपड़े भी खरीदते हैं.

छठ पूजा करते समय महिलाएं तो छठी मैया का पूजा करती हैं| लेकिन जो बच्चे और युवा हैं. वो छठी मैया के घाट पर पटाखे जलाते हैं. कुछ शैतान लोग पटाखे जला कर किसी कपड़े पर फेंक देते हैं.  

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प्रदेशियो के लिए छठ पूजा का महत्व 

जो लोग प्रदेश में होते हैं, यानि कहने का मतलब घर से बहार कमाने के लिए गए होते हैं. उनके जिंदगी में छठ पूजा का एक विशेष महत्व हैं, क्योंकि छठ पूजा के मौका पर उन्हें कंपनी से छुट्टी मिलती हैं, उन्हें अपने परिवार, पत्नी के साथ छठ पूजा करने का मौका मिलता हैं,

आप तो जानते हैं, की आज के ज़माने में ना चाहते हुए भी लोग अपने परिवार से दूर रहते हैं. ऐसे में छठ पूजा प्रदेशियो के लिए महत्वपूर्ण इसलिए हैं, क्योंकि छठ पूजा के मौके पर उन्हें अपने परिवारवालों के साथ कुछ पल बिताने का मौका मिलता हैं,  

छठ माता कौन है

हिन्दू वेद के मुताबिक छठ माता सूर्य की बहन और सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा की पुत्री हैं| जो लोग निसंतान होते हैं वो छठ माता का पूजा करते हैं और छठ माता प्रसन होकर उन्हें संतान का वरदान देती हैं| छठ माता को छठी मैया भी कहा जाता हैं और उत्तर प्रदेश और बिहार में छठ माता को बहुत ही आदर के साथ पूजा जाता हैं|

छठ पूजा कब हैं 2022

इस साल यानि 2022 में छठ पूजा रविवार 30 अक्तूबर को हैं| 

छठ पूजा निबंध पर वीडियो



निष्कर्ष

हमें आशा नहीं पूरा उम्मीद हैं , की आपको हमारा यह पोस्ट छठ पूजा पर निबंध (Essay On Chhath Puja In Hindi) बहुत पसंद आया होगा , हमारा इस पोस्ट को लिखने के पीछे यही मकसद हैं , की हम उन स्टूडेंट को Chhath Pooja Par Nibandh लिखना सिखा सके |

जिनको स्कूल के तरफ से छठ पूजा पर निबंध लिखने को मिला हैं , लेकिन उनको निबंध लिखने नहीं आता हैं , अब वैसे तो दोस्तों हमने इस पोस्ट में आपको Chhath Puja Par Nibandh के बारे में पुरी जानकारी को दे दी हैं ,

लेकिन अगर आपके मन में छठ पूजा से सबंधित अभी भी कोई सवाल हैं , तो आप उसके बारे में हमें नीचे कमेन्ट बॉक्स में बता सकते हैं , हम 15 मिनट के अन्दर अन्दर आपके द्वारा पूछे गए सवाल का जबाब देंगे |

 हैं 

FAQ – Chhath Puja Par Nibandh

छठ पूजा कितने दिन का होता हैं

छठ पूजा 4 दिन का होता हैं और इसमे करीब 36 घंटे उपवास रखना पड़ता हैं 

छठ पूजा का महत्व

हमारे समाज में छठ पूजा को बहुत महत्व दिया जाता हैं ऐसा माना जाता हैं की अगर सच्चे दिल से छठी मैया से कोई मन्नत मांगा जाए तो वो ज़रुर पूरा होता हैं| 

छठ पूजा कैसे मनाया जाता है

छठ पूजा 4 दिन का होता हैं पहले दिन खीर रोटी खाया जाता हैं उसके बाद लगभग 36 घंटे तक उपवास रखना पड़ता हैं छठ पूजा मनाते समय आपको अन्न खाना पाप माना जाता हैं ऐसा करने से छठी मैया आपसे रूठ जाती हैं| 

 

छठ पूजा कैसे करते हैं

  1. घर की सफाई करें 
  2. बांस की टोकरी ख़रीदे 
  3. उपवास रखे 
  4. बाज़ार से फल मंगाएं 
  5. ठेकुआ और पुरी बनायें 
  6. छठ पूजा के दिन छठ घाट पर जाएँ 
  7. ठेकुआ और फल से छठी मैया का पूजा करें 
  8. छठी मैया का गीत गाये 
  9. छठी मैया को नया साड़ी चढ़ाये 
  10. सूर्य भगवान को अरघ दे 

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नमस्कार दोस्तों मैं Sonu Kumar इस ब्लॉग का लेखक और मालिक हूँ | मैं अपने ब्लॉग पर Career, Job, Earn Money Tips, और लोगो के Success Story के ऊपर लेख लिखता हूँ,

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