छठ पूजा क्यों मनाया जाता है – क्या आपने कभी सोचा है की छठ पूजा क्यों मनाया जाता है और आखिर इसे पीछे क्या कारन हैं.
छठ पूजा सामान्यत बिहार और उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता हैं लेकिन क्या आप जानते हैं की छठ पूजा क्यों मनाया जाता है अगर नहीं तो इस आर्टिकल में आपको छठ पूजा की पुरी जानकारी मिलेगी जैसे छठ पूजा क्यों मनाया जाता हैं |

छठ पूजा के दिन सभी के घर में ठेकुआ, पुरी इत्यादि पकवान बनते हैं जिससे छठी मैया को पूजा जाता हैं ठेकुआ और अन्य पकवान के साथ-साथ लोग फलो से भी छठ पूजा करते हैं तो चलिए छठ पूजा के बारे में और बढ़िया तरीके से जानते हैं और यह समझते हैं की Chhath Puja क्यों मनाया जाता है |
छठ पूजा क्या हैं?
छठ पूजा हिन्दू धरम का बहुत ही लोकप्रिय पर्व हैं , इस पर्व को खासकर बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड राज्य में बड़े धूमधाम से मनाया जाता हैं, इस पर्व को महिला तथा पुरुष दोनों कर सकते हैं, छठ पूजा में उगते सूरज तथा डूबते सूरज को पूजा जाता हैं यह पर्व कुल मिलाकर 4 दिनों का होता हैं |
इस पर्व को भारत के साथ साथ लन्दन , अमेरिका जैसे देशो में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता हैं , ऐसा माना जाता हैं की जिन स्त्रियों को संतान मनाही होता वो छठ पूजा करती हैं जिससे खुश छठी मियाँ उनके गोद में संतान सुख का वरदान देती हैं |
त्यौहार का नाम | छठ पूजा |
धर्म | हिन्दू धर्म |
राज्य | बिहार, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल |
अवधी | 4 दिन |
कब हैं 2022 में | 2022 में रविवार, 30 अक्तूबर को |
कैसे मनाये | 4 दिन उपवास रखे तथा निचे दिए गए पोस्ट पढ़े |
2022 में छठ पूजा कब है?
2022 में छठ पूजा रविवार, 30 अक्तूबर को हैं |
छठ पूजा क्यों मनाया जाता है ?2022
वैसे तो छठ पूजा को लेकर काफी कहानी प्रचलित हैं लेकिन सबसे ज्यादा प्रचलित कहानी राजा प्रेम बंध कहानी हैं ऐसा कहते हैं की राजा प्रेम बंध को कोई सन्तान नहीं हो रहा था, उन्होंने ना जाने कितने वैध से उपचार कराये पर कोई फायदा नहीं हुआ | जब राजा हार मान कर पुरी तरह निराश हो गए तो एक साधू ने उन्हें सलाह दी और कहाँ की आप और रानी छठी मैया का व्रत करे ऐसा करने से छठी मैया आपको ज़रुर संतान देगी |
राजा प्रेमबध ने बड़े ही धूमधाम के साथ उपवास रखकर छठी मैया की पूजा की और इस पूजा से छठी मैया खुस होकर राजा को संतान का वरदान दे दिया और कुछ महीनों के बाद ही राजा के घर में एक लड़का पैदा हुआ, तभी से छठ पूजा का आरंभ हुआ “
छठ पूजा कैसे मनाई जाती हैं?
1. नहाय खाय
छठ आने के एक दिन पहले नहाय खाय होता हैं जिसका अर्थ हैं स्नान कर के भोजन खाना इस दिन पुरी घर की सफाई होती हैं सभी बिस्तर साफ़ किये जाते हैं और आँगन में गंगा जल छिरका जाता हैं और सभी के घर महिला स्नान कर के खाना बनाती एवं खाती हैं छठ पूजा मनाने का ये पहला स्टेप हैं
2.खरना
छठ पूजा का दूसरा दिन खरना होता हैं इस दिन जो भी छठ पूजा करने वाले हैं वो रात को खीर पुरी से अंतिम बार भोजन करते हैं क्योंकि उसके बाद उनको दो दिनों का उपवास रखना पड़ता हैं| इस दिन लोग, रात को खीर पुरी के साथ-साथ फल भी खाते हैं|
3. संध्या अर्घ्य (शाम को घाट पर जाना)
छठ पूजा का यह तीसरा दिन होता हैं इस दिन सभी लोगो के घर में ठेकुआ पुरी और सभी तरह के फल एक बांस से बना टोकरी में रखते हैं एवं पुरुष अपने सर पर टोकरी उठाकर छठ घाट पर जाते हैं और ,महिलाएं भी पीछे-पीछे छठी मैया का गीत गाते हुए छठ घाट पर जाती हैं |
और जब शाम को सूरज भगवान ढलने लगते हैं तो पर्व कर रहे लोग उनकी तरफ हो कर उनका नमन करके अरघ देते हैं और फिर घर आ जाते हैं
4: कोशी भरना
शाम को जब लोग संध्या अर्घ्य का चरण पूरा करके घर आ जाते हैं तो उसी रात कोशी भराता हैं जिसमे ईख के डंडो को आपस में बाँधकर उसे हर अलग-अलग दिशा में कर दिया जाता हैं एवं ईख के ईख से बना घर में दिया जाता हैं साथ ही ठेकुआ के साथ-साथ फल भी कोशी में रख दिए जाते हैं और सभी महिलाये छठी मैया की गीत गाती हैं
और करीब 3 बजे रात कोई पुरुष उस ईख को छठ घाट पर ले जाते हैं एवं वहा पर भी पूजा करते हैं और करीब आधे घंटे अपना समय बिता कर घर लौट जाते हैं
5: सूर्योदय अर्घ्य
यह छठ पूजा का आखिरी दिन होता हैं | इस सुबह करीब 4 बज जाते हैं तो सभी लोग फिर से छठी मैया के घाट पर जाते हैं एवं वहां पर जाकर महिलाये छठी मैया का गीत भी गाती हैं और जब सुबह सूर्य भगवान निकलने लगते हैं तो महिलाये उनको अरघ (पूजा करती हैं) देती हैं और फिर सभी लोग घर आ जाते हैं और इस तरह छठ पूजा मनाई जाती हैं| और इस प्रकार चौथे दिन छठ पूजा का व्रत पूरा हो जाता हैं और इसके बाद व्रत करने वाले लोग भोजन कर सकते हैं |
छठ पूजा का क्या महत्व है?
हमारे समाज में छठ पूजा का एक विशेष महत्व है, बिहार राज्य में कुछ लोग पर्व को आलोचना करते हुए कहते हैं, की हिन्दू धर्म में छठ ही एक ऐसा पर्व है, जिसमें पूजा करते समय भगवान आपके सामने रहते हैं, कहने का मतलब यह है, की छठ पूजा में भगवान सूर्य का पूजा किया जाता हैं, और पूजा करते समय सूर्य बिल्कुल हमारे सामने रहते हैं, इसलिए हिन्दू धर्म में छठ पूजा को जिंदा भगवान का पूजा भी कहां जाता है,
सरकारी नौकरी में छठ पूजा का महत्व?
बात छठ पूजा के महत्व के बारे में हो रही हैं, तो हम उन युवाओं का बात ज़रूर करेंगे जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहें हैं, क्योंकि हमारे पूर्वज कहते हैं, की कोई युवा अगर सच्चे मन से छठ पूजा में सहयोग करें, तो उसकी मनोकामना ज़रूर पूरी होती है, इसलिए कुछ युवा छठी माता के घाट जाने वाले सड़क को बिल्कुल साफ कर देते हैं,
वहीं कुछ युवा छठी मैया का घाट साफ करते हैं, जो लोग पहले छठी मैया से कोई मनोकमना मांगे रहते हैं, और वो मनोकामना पूरा हो जाता है, तो अगले साल छठी मैया के घाट पर लौंडा का नाच नचवाते हैं,
बाझिन के लिए छठ पूजा का महत्व
पुराने समय से ही यह परंपरा चली आ रही हैं, जो स्त्री बाझिन होती हैं, और उन्हें संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती, वो छठी मैया से प्रार्थना करती हैं, की है छठी मैया अगर मेरे गोद में तुम संतान दे दोगी तो मैं आपकी व्रत पूरे श्रद्धा और मन से करूंगी ,
यह कोई मज़ाक नहीं हैं, जो बाझिन स्त्री अगर सच्चे मन से छठ माता का आराधाना करें, तो छठी मैया प्रसन हो कर उसके गोद में संतान सुख का वरदान दे देती हैं, और इस प्रकार छठी मैया को दयालु स्वभाव के कारण बाझिन स्त्री को भी संतान हो जाता है,
प्रेमियों के लिए छठ पूजा का महत्व
आजकल जो जमाना है, वो प्यार करने वाले लोगो का हैं, कहने का यह मतलब है कि आज कल लगभग हर लड़का किसी ना किसी लड़की से प्यार करता है, वहीं इसके विपरीत आज के समय में हर लड़की किसी ना किसी ना किसी लड़के से प्यार करती हैं,
लेकिन आज के जमाने में को लोग भी सच्चा प्यार करते हैं, उनका प्यार तब सफल होता है, जब लड़का अमीर हो अगर लड़का अमीर नहीं है, तो लड़की वाले कभी भी अपनी लड़की की शादी लड़के से नहीं करेंगे,
ऐसे में कई बार लड़का लड़की घर से भाग कर शादी कर लेते हैं, लेकिन यह उचित विकल्प नहीं हैं, अगर वो लड़के लड़की फिर से अपने घर वालो के हाथ लग जाते हैं, तो उनके घरवाले उन्हें मार डालते हैं,
ऐसे में प्रेमी और प्रेमिका अपने मनपसंद वर पाने के लिए छठी मैया से पार्थना से करती हैं, और अगर उनके मनपसंद साथी से उनका जीवन साथी बन जाते हैं, तो वो भी छठ पूजा का व्रत करने लगते हैं, मैंने देखा हैं की बहुत सारे लड़के छठी मैया से यह प्रार्थना करते हैं, की जिस लड़की से प्यार करते हैं, उनसे ही उनकी शादी हो. और छठी मैया का प्रार्थना देरी सही लेकिन स्वीकार ज़रुर करती हैं.
बच्चों के लिए छठ पूजा का महत्व
बच्चों के लिए छठ पूजा उत्साह का त्यौहार हैं, क्योंकि बच्चों को छठ पूजा के दिन पटाखे जलाने का मौका मिलता है, छठ पूजा आने से कुछ दिन पहले ही बच्चे बहुत खुश होते हैं, परिवार के लोग छठ के मौके पर नए कपड़े भी खरीदते हैं.
छठ पूजा करते समय महिलाएं तो छठी मैया का पूजा करती हैं| लेकिन जो बच्चे और युवा हैं. वो छठी मैया के घाट पर पटाखे जलाते हैं. कुछ शैतान लोग पटाखे जला कर किसी कपड़े पर फेंक देते हैं.
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प्रदेशियो के लिए छठ पूजा का महत्व
जो लोग प्रदेश में होते हैं, यानि कहने का मतलब घर से बहार कमाने के लिए गए होते हैं. उनके जिंदगी में छठ पूजा का एक विशेष महत्व हैं, क्योंकि छठ पूजा के मौका पर उन्हें कंपनी से छुट्टी मिलती हैं, उन्हें अपने परिवार, पत्नी के साथ छठ पूजा करने का मौका मिलता हैं,
आप तो जानते हैं, की आज के ज़माने में ना चाहते हुए भी लोग अपने परिवार से दूर रहते हैं. ऐसे में छठ पूजा प्रदेशियो के लिए महत्वपूर्ण इसलिए हैं, क्योंकि छठ पूजा के मौके पर उन्हें अपने परिवारवालों के साथ कुछ पल बिताने का मौका मिलता हैं,
छठ पूजा का गाना
- कांचे ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए
- भोरवे में नादिया नहाईला
- उगु न सुरुज देव भइलो अरग के बेर
- सुगवा के मरबू धनुष से
- छपरा छठ बनायेंगे
- मेकअप लगावाला के फेरा में अरग के बेरा
छठ पूजा में कौन कौन सा फल लगता है?
- सेव
- संतरा
- केला
- नारियल
- अदरक
- ईख
- अनानास
- सरीफा
- पानी फल
- इत्यादी फल छठ पूजा में लगता हैं |
निष्कर्ष
तो दोस्तों आज के इस लेख में हमने छठ पूजा क्यों मनाया जाता हैं के बारे में पुरी जानकारी दी हैं, हमने इस पोस्ट में यह भी बताया हैं की आखिर किस कारन से छठ पूजा को मनाया जात हैं , तथा हमारे समाज में छठ पूजा का क्या महत्त्व हैं |
अगरे आपको यह पोस्ट पसंद आया हैं तथा आपके घर भीं छठ पूजा मनाया जाता हैं तो इस पोस्ट को अपने तमाम दोस्तों रिश्तेदारों में जरुर शेयर करे ताकि वो भी जान सके की आखिर छठ पूजा क्यों मनाया जाता हैं |