ISRO Full Form In Hindi- मिशन, इतिहास पूरी जानकारी {2024}

4.3/5 - (6 votes)

ISRO Full Form In Hindi – अगर आप ISRO के बारे में जानना चाहते हैं , तो आप बिलकुल सही पोस्ट पर आये हैं , आज के इस पोस्ट में हम आपको ISRO KA Full Form से लेकर इसका इतिहास , इसरो के प्रमुख मिशन और आखिर ISRO के संस्थापक कौन हैं |

isro-full-form-photo

जैसे सवालों के जबाब देने वाले हैं , अभी हाल में ही ISRO ने चंद्रयान-3 Mission को सफलता पूर्वक करके पुरे विश्व में भारत का सर उच्चा किया किया हैं ,

तो चलिए अब हम आपको बिना किसी देरी के ISRO के बारे में बताना शुरू करते हैं , और सबसे पहले हम यह समझते हैं , की आखिर ISRO का फुल फॉर्म क्या हैं |

ISRO का Full Form – पुरी जानकारी

आपकी जानकारी के लिये बता दे की ISRO का फुल फॉर्म Indian Space Research Organization हैं , जिसे हम हिंदी भाषा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन भी कहते हैं , भारत देश में जितने भी Space Research Organization हैं ,

उसमे ISRO सबसे बड़ा और एकमात्र सरकारी सगंठन हैं , जो अपने देश के लिए हर प्रकार के Space Mission को करता हैं , अभी कुछ समय पहले ही ISRO ने चंद्रयान 3 मिशन के तहद चंद्रमा के South Pole पर अपना लैंडर और रोवर की सॉफ्ट लैंडिंग की थी |

इसी के साथ भारत दुनिया का सबसे पहला ऐसा देश बन गया हैं , जिनके लैंडर और रोवर सफलता पूर्वक चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड हुआ ,

इसरो का इतिहास – History Of ISRO 

ISRO की शुरुआत 15 अगस्त 1969 में हुई थी। इसके संस्थापक डॉ विक्रम सारा भाई थे, जिन्हें इसरो के पिता (Father Of ISRO) के नाम से भी जाना जाता है। 

आपको बता दें कि 21 नवंबर 1963 को इसरो ने भारत का सबसे पहला Sounding Rocket को लॉन्च किया गया था। 

आपको शायद जानकर हैरानी होगी कि भारत का पहला रॉकेट के सामान को बैलगाड़ी और साइकिल पर लाया गया था और साथ में इसे नारियल के पेड़ के मदद से लांच किया गया था।

19 अप्रैल 1975 को भारत का सबसे पहला सेटेलाइट आर्यभट्ट को लांच किया गया। या भारत के सबसे महान गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था।

जिसके बाद इसरो लगातार सफलता की बुलंदियों को छूता रहा और आज या दुनिया के टॉप 5 स्पेस एजेंसी में से एक है। 

भारत ने जब अपने स्पेस एजेंसी इसरो की शुरुआत की थी तब उस समय भारत ने अमेरिका और रूस से मदद मांगी थी ताकि वह अपने प्रोग्राम को अच्छे से कर पाए लेकिन उन्होंने मदद देने से मना कर दिया।

इसके अलावा बहुत से देश ऐसे भी थे जो कह रहे थे कि भारत जैसे ग़रीब देशों को स्पेस एजेंसी में कार्य नहीं करना चाहिए क्योंकि भारत पहले से ही बहुत ग़रीब है।

लेकिन भारत ने दुनिया की एक न सुनी और अपने दम पर खुद इतना बड़ा स्पेस एजेंसी को खड़ा किया और आज इसरो को कम बजट में कोई भी स्पेस प्रोजेक्ट करने का रिकॉर्ड दर्ज है।

अब मैं आशा करता हुं की आपको isro ki sthapna से संबंधित जानकारी मिल गयी होगी.

Important Mission Of ISRO -ISRO के कुछ महत्वपूर्ण मिशन

भारत के स्पेस एजेंसी इसरो द्वारा बहुत से ऐसे प्रोजेक्ट को किया गया है जिसके वजह से आज इसरो इस मुकाम पर पहुंचा है। नीचे हमने आपको कुछ बहुत जरूरी मिशन के बारे में जानकारी दी है।

Chandryaan 1 – First Moon Mission

  • चंद्रयान मिशन को भारत के द्वारा 28 अक्टूबर 2008 को किया गया था। 
  • चंद्रयान मिशन के द्वारा ही भारत ऐसा पहला देश बना, जिसने चांद पर पानी की खोज की थी।
  • यह पानी पत्थर के अंदर पाई गई थी, जिसे दुनिया के अन्य स्पेस एजेंसी ने भी माना हैं।
  • आपको बता दे की चंद्रयान मिशन काफी सस्ता मिशन था, जिसे मात्र 386 करोड़ में ही भारत ने कर दिखाया।

मंगल ग्रह मिशन – Mars Orbiter Mission

  • Mars Orbiter Mission को शॉर्ट में MOM Mission भी कहा जाता है।
  • आपको बता दे कि भारतीय मंगलयान मिशन को मात्र 450 करोड रूपए में पूरा किया गया था।
  • इस मिशन को भारत के द्वारा 5 नवंबर 2013 को अंजाम दिया गया। 
  • जिसके 298 दिन बाद ही इसमें मौजूद orbiter मंगल ग्रह के कक्षा में 24 सितंबर 2014 को स्थापित हो गया।
  • इसके साथ ही भारत विश्व का पहला ऐसा देश बना, जिसने पहले प्रयास में ही मगल ग्रह के Orbiter मे स्थापित हो गया।
  • इसके साथ ही Mars Mission भी इंडिया के इसरो के लिए काफी सफल मिशन रहा।

एक साथ 104 सेटेलाइट लॉन्च का रिकॉर्ड

  • इसरो के पास दुनिया में सबसे ज्यादा एक साथ सेटेलाइट लॉन्च करने का खिताब भी रह चुका है।
  • इसरो ने 15 February 2017 को एक साथ 104 सेटेलाइट को लॉन्च किया।
  • इन सारे सैटेलाइट को इसरो के PSLV C 37 के द्वारा लांच किया गया था।
  • हाल ही में इस रिकॉर्ड को एलोन मास्क के कंपनी Spacex ने तोड़ दिया है।
  • SpaceX ने 24 जनवरी 2022 को एक साथ 143 सैटेलाइट को लॉन्च किया था।
  • इन सभी 143 सैटेलाइट को Falcon 9 के द्वारा लांच किया गया था।

चंद्रयान 2 – Second Moon Mission

  • भारत के चंद्रयान-1 को सफलता मिलने के बाद भारत ने चंद्रयान 2 मिशन करने के बारे में सोचा।
  • इस मिशन में लगभग 978 करोड पर लगाए गए थे।
  • 22 जुलाई 2019 को chandrayaan-2 को श्रीहरिकोटा से लांच किया गया।
  • इसमें मुख्या Lander, Rover और ऑर्बिटर था।
  • जिसमे Lander का नाम Vikram था, यह इसरो के संस्थापक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया था।
  • इसमें Rover का नाम प्रज्ञान था।
  • यह मिशन फैल हो गया लेकिन हम इसे पूरी तरीके से फेल भी नहीं कह सकते हैं।
  • जब विक्रम लैंडर चांद के सतह से 2.3 किलोमीटर ऊपर था तब उससे हमारा संपर्क टूट गया
  • जिसके कारण वह विक्रम लैंडर अपने सही मार्ग से भटक गया और कई दिनों तक भारतीय वैज्ञानिकों ने उससे संपर्क करने की कोशिश की
  • लेकिन इसमें उन्हें असफलता ही मिली लेकिन ऑर्बिटर अभी भी काम कर रहा है।

चंद्रयान 3 – Third Moon Mission

चंद्रयान 2 मिशन के फेल हो जाने के बाद ISRO ने हार नहीं मानी , और चंद्रयान 2 मिशन फेल होने के करीब 3 साल बाद यानि 14 जुलाई 2023 को LVM3 रॉकेट के सहारे फिर से चंद्रयान 3 मिशन को लंच कर दिया , इसके बाद August 23, 2023 को सफलता पूर्वक ISRO का यह Mission पूरा भी हो गया |

भारत दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया हैं , जिनके लैंडर और रोवर सफलता पूर्वक चंद्रमा उतरे ,

इसरो से जुड़े तथ्य – Interesting Fact About ISRO

  • इसरो अपने मिशन को अन्य स्पेस एजेंसी के मुकाबले काफी कम खर्चे में ही कर पाता है।
  • इसरो ने अभी तक 21 अलग-अलग देशों के लिए सेटेलाइट को लांच किया है।
  • आपको बता दें कि इसरो का जितना 40 साल का पिछड़ा बजट है उतना नासा को अकेले 1 साल के लिए मिल जाता है।
  • भारतीय मंगलयान मिशन को काफी सफल मिशन माना जाता है क्योंकि इसमें भारत में एक ही बार में मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक पहुंच गया था।
  • इसके स्थान पर अमेरिका 5 बार, यूरोपीय यूनियन 8 बार, इसके अलावा चीन भी इस मिशन में पहले प्रयास में फेल हो चुका है।

ISRO कौन से नंबर पर आता हैं.

इसरो को दुनिया का छठा सबसे बड़ा स्पेस एजेंसी हैं, यह Nasa, Roscosmos, Esa, Cnsa, SpaceX के बाद इसरो भारत का सबसे बड़ा स्पेस एजेंसी होने के साथ ही ISRO दुनिया का छठा सबसे बड़ा स्पेस एजेंसी हैं.

इसरो की शाखाएं

  • थुम्बा रॉकेट परीक्षण केंद्र
  • सतीश धवन स्पेस सेंटर
  • स्पेस एप्लीकेशन सेंटर
  • नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर
  • विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर 
  • लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर
  • इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स

ISRO से संबंधित अन्य Full Form

SDSC – Satish Dhawan Space Center

DOS – Department Of Space

PSLV – Polar Satellite Launch Vehicle

INCOSPAR – Indian National Committee For Space Research

IIRS – Indian Institute Of Remote Sensing

GSLV – Geosynchronous Satellite Launch Vehicle

MOM – Mars Orbiter Mission

हमारे अन्य लेख को भी पढ़े

निष्कर्ष : ISRO Full Form

उम्मीद हैं दोस्तों की अब आप ISRO का Full Form के बारे में अच्छे से समझ गए होंगे,

आप हमारे इस पोस्ट को अपने रिलेटिव और दोस्तों के पास ज़रूर साझा करें ताकि उन्हें भी इसरो का फुल फॉर्म के साथ हैं इसरो का इतिहास और इसरो के संघर्ष की कहानी का पता चल सके।

इसके अलावा यदि आपको किसी अन्य विषय पर फुल फॉर्म चाहिए तो वह आप कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं बाकी ऐसे ही जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग Litehindi.in को फॉलो करते रहे।

ISRO से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सवालों का जवाब

इसरो प्रमुख का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?

इसरो के प्रमुख का कार्यकाल 3 सालों का होता हैं |

ISRO का Headquarter कहां पर है

इसरो का हेड क्वार्टर बेंगलुरु (Bengaluru) में है.

इसरो किस आयोग के नियंत्रण में है?

इसरो भारत के Department Of Space के द्वारा नियंत्रण किया जाता हैं |

ISRO के संस्थापक कौन है?

इसरो के संस्थापक डॉ विक्रम साराभाई हैं और इन्हें इसरो के जनक (Father Of ISRO) भी कहा जाता है.

इसरो कर्नाटक के किस शहर में स्थित है

इसरो कर्नाटक राज्य के बेंगलुरु शहर में स्थित हैं. बेंगलुरु शहर में ही इसरो का मुख्यालय स्थित हैं.

😎 बड़े भैया पोस्ट को शेयर करें

नमस्कार दोस्तों मैं Sonu Kumar इस ब्लॉग का लेखक और मालिक हूँ | मैं अपने ब्लॉग पर Career, Job, Earn Money Tips, और लोगो के Success Story के ऊपर लेख लिखता हूँ,

Leave a Comment